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हिन्दी दिवस प्रतियोगिता भाग 17( जवान का कमाल ) लेखनी कहानी -01-Sep-2022

  शीर्षक :- हमारे शब्दौ का कमाल
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यह हमारी माँस की जीभ करदेती कितना कमाल।
इससे पूरी दुनियां मे मच जाता है कितना बबाल।।
इसीलिए शब्द बोलो सोचकर इसके हाथ न पांव।
एक शब्द औषधि है तो एक शब्द कर देता है घाव।।
एकबार बाहर निकला शब्द कभी बापिस नही आता।
एक शब्द  प्यार भरा एक शब्द दिल में घाव करजाता।।
जवान से ही कटुता बढ़ती जवान ही बैरका भाव  बढा़ती।
यह जवान टूटे मन को जोडे़ यही दिल में प्यार बढाती ।।
यह जवान मान बढा़ती यही जवान ऊँचे आसन चढाती।
इस जवान पर दुनियाँ चलती यह जवान रिश्ते करवाती

हिन्दी दिवस प्रतियोगिता हेतु रचना
नरेश शर्मा " पचौरी"
16/09/2022



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6 Comments

दुनिया ही सही रूप है दुनियाँ नहीं होता है

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वापिस,,,, या वापस,,, चढ़ाती,,,, दुनिया आदि ठीक करें जी

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जुबान या जबान होता है sir,,,, जवान नहीं होता

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